" गाँधीजी के जीवन दर्शन पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया "
दिनांक: 17-10-2024
कुरूद- संत गुरु घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 01 के तत्वाधान में गुरुवार को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से गाँधीजी के जीवन दर्शन पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं क्विज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गाँधीजी के जीवन दर्शन, उनके संदेशों एवं उनके विचारों से संबंधित 100 से भी अधिक पोस्टर्स का प्रदर्शन किया गया। जिसे देखनें बड़ी संख्या में छात्र -छात्राओं का तांता लगा रहा। व्याख्यान सत्र में कार्यक्रम को संबोधित करतें हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी.के राठौर नें कहा कि गाँधीजी के जीवन को आप पढ़ेंगे तो जानेंगे कि वें बहुत ही धन संपन्न घर में पैदा हुए थें, लंदन में पढ़ने वाला शख्श कोई सामान्य परिवार से नहीं रहा होगा। लंदन से बैरिस्टरी करके आनें के बाद वें चाहतें तो आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकतें थें, लेकिन उन्होंने जनसेवा, देश सेवा को अपनें जीवन का ध्येय बनाया और कोट पैंट को त्यागकर सफेद धोती में अपना पूरा जीवन व्यतीत किया, गाँधीजी त्याग की प्रतिमूर्ति थें। देश को आजादी दिलाने, राष्ट्रवादी आंदोलन को जन आंदोलन बनाने में गाँधीजी की बड़ी भूमिका थीं। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से पधारे राहुलसिंह नें कहा कि गाँधीजी एक साधारण व्यक्ति थें लेकिन उनके आचरण में कुछ ऐसी बातें थीं जो उनको असाधारण बनाती है जैसे सत्य पर अडिग रहना, गलती करनें के बाद अपनी गलती को स्वीकारना उससे सीखना, सभी जाति धर्म के लोगों को बराबर मानना और समझना तथा किसी भी परिस्थिति में अहिंसा का साथ ना छोड़ना। यें ऐसी चीजें थीं जो उनको महान विचारक, योग्य शिक्षा-शास्त्री, निपुण लेखक, महान समाज सुधारक, श्रेष्ठ दार्शनिक एवं एक अच्छे इंसान की श्रेणी में लाकर खड़ा करती है। उनके जो विचार हैं वें हमेशा प्रासंगिक हैं और रहेंगे और हमें हमेशा एक बेहतर समाज बनाने में हमारें लिये मददगार साबित होंगे। कार्यक्रम के संयोजक एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 01 के कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार नें कहा कि इस तरह का कार्यक्रम विद्यार्थियों में उन मूल्यों एवं आदर्शों की स्थापना करता है, जिन मूल्यों एवं आदर्शों की हम उनसे अपेक्षा करतें हैं। इस अवसर पर स्वयंसेवक मोजेश साहू, केशव ध्रुव, यामिनी कंवर, भूमिका डाहरें, लक्की साहू, जागेन्द्रसिंह, विषभ सोनकर सहित बड़ी संख्यां में स्वयंसेवक उपस्थित थें।